मेरी विचारधारा हमेशा से पुलिस विरोधी और भाजपा समर्थन की रही है, क्यों कि अधिकांश पुलिस जनता विरोधी होती है और अधिकांश भाजपा राष्ट्रवादी है लेकिन आज @pratapgarhpol में जो घटना घटित हुई है उस पर अपने विचार रखना चाहता हूं,
सबसे पहले इस घटना में जिलाधिकारी महोदय का कोई बयान अब तक
सबसे पहले इस घटना में जिलाधिकारी महोदय का कोई बयान अब तक
नहीं आया है, कारण बता देता हूँ वो सच्चाई बोलेंगे तो चार्ज जाने का डर है, इसीलिए अब मैं एक बात और स्पष्ट कर देता हूँ कि मैं माननीय विधायक को व्यक्तिगत नहीं जानता पर @akashtomarips जी को व्यक्तिगत जनता हूँ, बहुत ही शांत सरल, सहजऔर सौम्य व्यक्ति हैं बिना वजह गुस्सा नहीं करते
ईमानदार इतने हैं कि अगर कहीं बाहर खाने जाएं और साथ मे जो गनर या ड्राइवर या अन्य स्टाफ रहता है, उसके भोजन का पैसा भी अपने वेतन से देते हैं, पूरी सर्विस में किसी ने कुछ भी आरोप लगाया हो कम से कम रिश्वत का आरोप नहीं लगाया,खैर अब बात करते हैं इस घटना में सम्भावनाओं की, है बात किसी
से छिपी नहीं है कि भाजपा के कार्यकर्ता नौकरशाही से परेशान हैं, नौकरशाही बेलगाम हैं और जबकि शासन के सीधे इंस्ट्रक्शन हैं कि किसी भी स्तर पर किसी भी मामले में कोई भी राजनीतिक दबाव नहीं मानना है, ये बात किसी से छिपी नहीं है कि भाजपा के सांसद या विधायक यहां तक कि मंत्री भी एक सिपाही
तक का ट्रांसफर लखनऊ से नहीं करा पा रहे हैं, अब इस मामले मैं जब @akashtomarips जी ने विधायक जी के कई मामलों उनकी सिफारिश नहीं मानी होगी तो विधायक जी कैसे न कैसे करके कप्तान को हटवाना चाहते होंगे, लखनऊ में काफी प्रयास करने के बाद भी विधायक जी को समझ आ गया होगा कि वो कप्तान को नहीं
हटवा पाएंगे तब आज उनको बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया, बहाना भी मिल गया कि ड्रामा नहीं करूंगा तो कप्तान कैसे हटेगा, तो कुर्ता फाड़ना, जमीन पर लोटना, वही सब प्रयास है बाकी कुछ नहीं, #IStandWithAkashTomar
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